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Showing posts from October, 2017

मेरठ की एक घटना (2nd Story)

जब मै उस गली में घुसा तो जहाँ-तंहा लोग खड़े थे, कोई दो के समूह में और कोई चार के समूह में, लगता था कोई आयोजन हो या कोई दुर्घटना घटी हो. काहिर हमने हॉर्न बजा बजा कर रास्ता बनाया और एक घर के सामने आ कर गाड़ी रोकी, अंदर से जय प्रसाद आये, शर्मा जी ने आगे-पीछे करके गाड़ी एक जगह लगा दी, हम अब उतरे गाड़ी से! और जय प्रसाद हमे अंदर ले गए! अंदर धार्मिक गाने चल रहे थे, रिश्तेदार आदि लोग बैठे थे वहाँ, कुछ पडोसी भी! धूपबत्ती, अगरबत्ती और दिए जल रहे थे! जय प्रसाद हमे एक कमरे में ले गए और हमको बिठा दिया वहाँ, हम बैठ गए! घर अच्छा बनाया था, एक सरकारी महक़मे में अच्छे पद पर आसीन थे वे! आप ये स्टोरी पढ़ रहे है Storydotnet पर और स्टोरी पढ़ने के लिए अभी हमारा फेसबुक पेज लिखे करे या ब्लॉग सब्सक्राइब करे. उन्होंने आवाज़ दी, उनकी लड़की पानी ले कर आ गयी, उम्र होगी उस लड़की की कोई अठारह या उन्नीस बरस, आधुनिक लिबास पहने! हमने पानी पिया और रख दिए गिलास वापिस, "ये दिए वगैरह क्यूँ जला रखे हैं?" मैंने पूछा, "जी एक भोपा महाराज ने बताया था" वे बोले, "अच्छा" मैंने कहा, "रवि...